Chapter 3 बस की यात्रा
पाठ 3 बस की यात्रा
प्रश्न-1 “मैंने उस कंपनी
के हिस्सेदार की तरफ़ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा।” लेखक के मन में हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा क्यों जग गई?
उत्तर-लेखक के मन में हिस्सेदार के प्रति श्रद्धाभाव इसलिए जगी क्योंकि वह
थोड़े से पैसे बचाने के चक्कर में बस का टायर नहीं बदलवा रहा था और अपने साथ-साथ
यात्रियों की जान भी जोखिम में डाल रहा था इसलिए लेखक ने श्रद्धाभाव कहकर उसपर
व्यंग किया है।
प्रश्न-2 “लोगों ने सलाह दी
कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफर नहीं करते।” लोगों ने यह सलाह क्यों दी?
उत्तर-लोगों ने लेखक को शाम वाली बस में सफर न करने की सलाह उसकी जीर्ण-शीर्ण
हालत को देखकर दी। यदि रात में वह कहीं खराब हो गई तो परेशानी होगी। लोगो ने इस बस
को डाकिन भी कहा।
प्रश्न-3 “ऐसा जैसे सारी बस
ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।” लेखक को ऐसा क्यों लगा?
उत्तर-सारी बस लेखक को इंजन इसलिए लगी क्योंकि पूरी बस में इंजन की आवाज़ गूंज
रही थी।
प्रश्न-4 “गज़ब हो गया। ऐसी
बस अपने आप चलती है।” लेखक को यह सुनकर
हैरानी क्यों हुई?
उत्तर-लेखक को इस बात पर हैरानी हुई की इतनी टूटी-फूटी बस कैसे चल सकती है। वे
यह मानते हैं कि इस बस को कौन चला सकता है। यह तो स्वयं ही चल सकती है।
प्रश्न-5 “मैं हर पेड़ को
अपना दुश्मन समझ रहा था।” लेखक पेड़ों को
दुश्मन क्यों समझ रहा था?
उत्तर-लेखक को बहुत डर लग रहा था। उन्हें ऐसा लग रहा था कि बस अभी किसी पेड़
से टकरा जाएगी और वो लोग जख्मी हो जायेंगे। इसलिए वे पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहे
थे।
अतिरिक्त प्रश्न
प्रश्न-1 लेखक को क्या देखकर लगा कि बस इसमें गोता
लगाएगी?
उत्तर - झील
प्रश्न-2 लेखक ने बस को कैसी अवस्था में बताया?
उत्तर – वृद्धावस्था
प्रश्न-3 लेखक और उसके मित्र कुल कितने सदस्य थे,
जिन्हें बस की यात्रा करनी थी?
उत्तर - पाँच
प्रश्न-4 पाठ 'बस की यात्रा' के लेखक कौन हैं?
उत्तर – पाठ 'बस की यात्रा' के लेखक हरिशंकर परसाई जी हैं।
प्रश्न-5 शब्दों के अर्थ बताइए - रंक , निमित्त
उत्तर - रंक - गरीब, निमित्त - कारण, साधन, लक्ष्य
प्रश्न-6 पहली बार बस किस कारण रुकी?
उत्तर - पेट्रोल की टंकी में छेद होने के कारण पहली बार बस रुकी।
प्रश्न-7 कंपनी के हिस्सेदार ने बस के लिए क्या कहा?
उत्तर - कंपनी के हिस्सेदार ने बस के लिए कहा - बस तो फर्स्ट क्लास है जी !
प्रश्न-8 लेखक के अनुसार देवता बाँहें पसारकर किसका
स्वागत करते?
उत्तर - लेखक के अनुसार देवता बाँहें पसारकर कंपनी के हिस्सेदार का स्वागत
करते।
प्रश्न-9 'काँच बहुत कम बचे थे। जो बचे थे उनसे बचना था' वाक्य में 'बच' शब्द का दो भिन्न
अर्थों में प्रयोग हुआ है। दोनों के अर्थ बताइए।
उत्तर - 'बच' शब्द के दो भिन्न अर्थ है - शेष रहना, सावधान रहना
प्रश्न-10 लोगों ने बस को 'डाकिन' क्यों कहा?
उत्तर - लोगों ने बस को 'डाकिन' कहा क्योंकि इस बस से यात्रा करने वाले लोगों
का सुख - चैन लुट जाता है।
प्रश्न-11 इंजन स्टार्ट होने पर क्या हुआ?
उत्तर – इंजन स्टार्ट होने पर
लेखक को लगा कि जैसे सारी बस ही इंजन है और वह इंजन के अंदर बैठा है।
प्रश्न-12 लेखक और उसके दोस्त खिड़की से दूर सरककर क्यों
बैठ गए?
उत्तर - लेखक और उसके दोस्त खिड़की से दूर सरककर इसलिए बैठ गए ताकि खिड़की के
काँच टूटकर उन्हेंचोटिल न कर दें।
प्रश्न-13 विदा करने आए लोगों की प्रतिक्रिया देखकर लेखक
को कैसा लगा?
उत्तर - विदा करने आए लोगों की प्रतिक्रिया देखकर लेखक को लगा कि जैसे वह मरने
के लिए जा रहा हो औरलोग उसे अंतिम विदाई देने आए हों।
प्रश्न-14 पाँचों मित्रों ने शाम वाली बस से जाने का
निश्चय क्यों किया?
उत्तर - पाँचों मित्रों ने शाम वाली बस से जाने का निश्चय इसलिए किया ताकि लेखक
और उसके मित्र जबलपुर की ट्रैन पकड़कर सुबह अपने गंतव्य तक पहुँच सके।
प्रश्न-15 ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ किसके नेतृत्व में, किस उद्देश्य से तथा कब हुआ था? इतिहास की उपलब्ध पुस्तकों के आधार पर लिखिए।
उत्तर - ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’
महात्मा गाँधी के नेतृत्व में १९३० में
अंग्रेज़ी सरकार से असहयोग करने तथा पूर्ण स्वाधीनता प्राप्त करने के लिए किया गया
था।
प्रश्न-16 आगे - पीछे से किसी गाड़ी को आता देख बस एकदम
किनारे क्यों खड़ी हो जाती थी?
उत्तर – बस पुरानी और खटारा थी,
उसकी हेडलाइटों की रोशनी भी कम थी। इसलिए वह आगे
- पीछे से किसी गाड़ी को आता देख बस एकदम किनारे खड़ी हो जाती थी।
प्रश्न-17 आशय स्पष्ट कीजिए -
'आदमी को कूच करने के लिए एक निमित्त चाहिए।'