मुहावरे और लोकोक्ति

                       


           मुहावरे और लोकोक्ति की विशेषता और अंतर 

        

मुहावरे की परिभाषा

मुहावरा एक ऐसा वाक्य होता है जो वाक्य की रचना करने पर अपना एक अलग अर्थ या विशेष अर्थ प्रकट करता है इनका प्रयोग करने से भाषा, आकर्षक, प्रभावपूर्ण तथा रोचक बन जाती है।

मुहावरे की विशेषता

मुहावरे, भाषा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। हिंदी भाषा की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करते हैं। मुहावरों के माध्यम से भावनाओं, अनुभवों और संदेशों को बड़ी सूक्ष्मता के साथ और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया जा सकता है।10 मुहावरे इन हिंदी हमारे शब्दों को जीवंत करते हैं और समझने में आसानी लाते हैं। हिन्दी भाषा में मुहावरे की विशेषता निम्नलिखित है - 

  • मुहावरों का रूप सदा एक-सा रहता है। इन पर लिंग, वचन का प्रभाव नहीं पड़ता है। जैसे–’दीवार खड़ी करना’ की
    जगह दीवारें खड़ी करना नहीं होता है।
  • मुहावरा हमेशा वाक्य का अंग बनकर प्रयुक्त होता है, स्वतंत्र रूप में नहीं।
  • मुहावरे में प्रयुक्त शब्दों के स्थान पर उनके पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग नहीं होता है; जैसे-‘आँखें खुलना’ की जगह . ‘नेत्र खुलना’ नहीं लिखा जा सकता है।
  • मुहावरों का शब्दार्थ नहीं वाच्यार्थ लिया जाता है।
  • मुहावरों की एक पहचान यह है कि इनके अंत में क्रियापद अवश्य पाया जाता है| जैसे - नौ दो ग्यारह होना, गाँठ बाँध लेना, डेरा डालना, हथेली पर सरसों उगाना आदि।
  • मुहावरे अपूर्ण वाक्य या वाक्यांश होते हैं, अतः प्रयोग करते समय इनमें कभी-कभी कुछ बदलाव आ जाता है।

 

मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर

• 1. मुहावरा:-

जब कोई वाक्य या वाक्यांश अपने साधारण अर्थ को छोड़कर कोई विशेष अर्थ प्रकट करे, तो उसे मुहावरा कहा जाता है। जिसका स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं किया जा सकता।

मुहावरा एक ऐसा वाक्यांश होता है, जिसके प्रयोग से अभिव्यक्ति-कौशल में वृद्धि होती है। प्रायः मुहावरे के अंत में क्रिया का सामान्य रूप प्रयुक्त होता है।

जैसे:- (i). नाकों चने चबाना, (ii). दाँतों तले अंगुली दबाना।

उदाहरण-

१. अपना उल्लू सीधा करना= स्वार्थ सिद्ध करना।

२. अपनी खिचड़ी अलग पकाना= सबसे अलग रहना।

३. अक्ल पर पत्थर पड़ना= बुद्धि भ्रष्ट होना।

४. कान का कच्चा होना= जल्दी बहकावे में आना।

५. जीती मक्खी निगलना= जान-बूझकर बेईमानी करना।

• 2. लोकोक्ति:-

ऐसी प्रचलित उक्तियाँ जो अपने विशेष अर्थों में किसी सच्चाई को प्रकट करती है, उन्हें लोकोक्तियां कहते हैं।

लोकोक्ति शब्द 'लोक + उक्ति' से मिलकर बना है। लोक का अर्थ है- संसार के लोग और उक्ति का अर्थ है- कथन।

लोक में पीढ़ियों से प्रचलित इन उक्तियों में अनुभवों का सार एवं व्यावहारिक नीति का निचोड़ होता है। अनेक लोकोक्तियों के निर्माण में किसी घटना विशेष का विशेष योगदान होता है। लोकोक्ति का अपर नाम 'कहावत' भी होता है।

उदाहरण-

१. अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता= अकेला व्यक्ति शक्तिहीन होता है।

२. अंधा पीसे कुत्ता खाए= मूर्खों की मेहनत का लाभ अन्य उठाते हैं।

३. अंधेर नगरी चौपट राजा= प्रशासन की अयोग्यता के कारण सर्वत्र अराजकता का आ जाना।

४. अक्ल बड़ी या भैंस= शारीरिक बल से बुद्धिबल श्रेष्ठ होता है।

लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर-

मुहावरा एक वाक्यांश मात्र होता है, जबकि लोकोक्ति अपने आप में पूर्ण होती है और प्राय: इसका प्रयोग एक वाक्य के रूप में होता है।

लोकोक्ति का रूप प्रायः एक जैसा ही रहता है, जबकि मुहावरे में काल, वचन एवं लिंग के अनुसार परिवर्तन अपेक्षित होता है।

मुहावरे और लोकोक्ति मुहावरे और लोकोक्ति Reviewed by Menaria Jamna Shankar on सितंबर 03, 2024 Rating: 5
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