5 – नयी समस्याएँ

 

प्रश्न 1. हर्ष किस राज्य का शासक था? उसके शासनकाल में हुई घटनाओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर- हर्ष उत्तर भारत के एक विशाल एवं शक्तिशाली राज्य कन्नौज का शासक था। उसके काल में विभिन्न क्षेत्र खूब विकास हुआ था। उसके शासनकाल में चीनी यात्री हुआन त्सांग नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए आया था। इसी युग में इस्लाम धर्म अपना स्वरूप ग्रहण कर रहा था। हर्ष के समय में उत्तर से होने वाले विदेशी हमलों का मुँहतोड़ जवाब दिया जा रहा था। अरब और भारत के बीच संपर्क बढ़े थे। दोनों ओर से यात्रियों का आना जाना हुआ एवं राजदूतावासों की अदला-बदली हुई। भारतीय पुस्तकों का बगदाद में अरबी में अनुवाद हुआ। बहुत-से भारतीय चिकित्सक बगदाद गए। यह व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध उत्तर भारत तक ही सीमित नहीं थे, बल्कि भारत के दक्षिण राज्यों ने भी इसमें भाग लिया था।

प्रश्न 2. भारत में इस्लाम का आगमन कैसे हुआ?

उत्तर- अरब से भारत के संबंध अच्छे होने पर धीरे-धीरे इस्लाम के धर्म प्रचारक भी भारत आए। यहाँ उनका खूब स्वागत हुआ। यहाँ बिना किसी बाधा के कई मस्जिदों का निर्माण हुआ। इसका यहाँ के शासन ने विरोध नहीं किया। अतः स्पष्ट है कि भारत में मुस्लिम राजनीति से पहले भारत में इस्लाम धर्म की शुरूआत हुई थी।

प्रश्न 3. महमद गजनवी कहाँ का शासक था? उसके आक्रमणों से भारत पर क्या प्रभाव पडा?

उत्तर- महमूद गज़नवी अफगानिस्तान का शासक था। उसने 1000 ई० के लगभग भारत पर आक्रमण किए। वह तुर्क जाति का था। उसने भारत पर निर्ममतापूर्ण आक्रमण करके लूटमार की थी। उसने भारत का बहुत सारा धन लूटा था। उसने हिंदुओं को धूल के कणों की भाँति बिखेर दिया। उसके घृणित कार्यों के कारण भारतीयों के मन में मुसलमानों के प्रति घृणा उत्पन्न हो गई थी।

प्रश्न 4. शाहबुद्दीन गौरी कौन था? वह शक्ति में कैसे आया?

उत्तर- महमूद गज़नवी की मृत्यु के पश्चात् शाहबुद्दीन गौरी ने अपनी शक्ति को बढ़ाया। उसने गज़नी पर हमला करके उसे अपने साम्राज्य में मिला लिया। इसके पश्चात् उसने लाहौर और दिल्ली पर आक्रमण किया। दिल्ली में पृथ्वीराज चौहान के हाथों उसने प्रथम बार बुरी तरह से हार खाई थी। किंतु उसने 1192 ई० में पुनः शक्ति बटोरकर आक्रमण किया और दिल्ली की सत्ता का स्वामी बन बैठा।

प्रश्न 5. भारत के दक्षिण में चोल शासकों के प्रभुत्व का सार रूप में उल्लेख कीजिए।

उत्तर- शाहबुद्दीन गौरी उत्तर में तो सफलता पा गया था, किंतु दक्षिण में चोल शासकों के सामने पराजित हुआ। अफ़गानों को दक्षिण भारत पर कब्जा करने के लिए लगभग 150 वर्ष लग गए। अतः स्पष्ट है कि दक्षिण में चोल वंश के शासकों का ही प्रभुत्व रहा।

प्रश्न 6. महमूद गज़नवी ने भारत के किन दो राज्यों को अपने राज्य में मिला लिया था और किस प्रांत में उसे करारी हार का मुँह देखना पड़ा था?

उत्तर- महमूद गज़नवी ने पंजाब और सिंध को अपने राज्य में मिला लिया था। वह प्रत्येक लूट के बाद वापिस गज़नी लौट जाता था। उसने कश्मीर पर विजय प्राप्त करने का भरसक प्रयत्न किया, किंतु वह विजय प्राप्त नहीं कर सका। यह पहाड़ी देश महमूद गज़नवी को हराने और मार भगाने में पूरी तरह सफल रहा। काठियावाड़ में सोमनाथ से लौटते हुए राजस्थान के रेगिस्तानी भारी हार का सामना करना पड़ा। इस अंतिम आक्रमण के बाद वह वापिस कभी भी भारत नहीं आया।

प्रश्न 7. शाहबुद्दीन गौरी का पूरे भारत पर शासन करने का सपना कैसे चूर हो गया?

उत्तर- शाहबुद्दीन एक शक्तिशाली सेनानायक था। उसने अपनी शक्ति के बल पर दिल्ली के शासक पृथ्वीराज चौहान जैसे शक्तिशाली राजा को हरा दिया। किंतु इसका अभिप्राय यह नहीं कि पृथ्वीराज चौहान को हराने पर वह सारे भारत के राजाओं को हरा देगा। उस समय दक्षिण भारत में चोल शासक बहुत शक्तिशाली थे। शाहबुद्दीन गौरी ने जब दक्षिणं के राज्यों पर आक्रमण किया तो उसे बुरी तरह हार देखनी पड़ी। इसलिए उसका संपूर्ण भारत पर शासन करने का सपना टूट गया और वह दिल्ली तक ही सीमित रहा।

प्रश्न 8. अफगानिस्तान भारत का हिस्सा कैसे बना?

उत्तर- बारहवीं शताब्दी में जो अफ़गान भारत में आए, वे हिंद-आर्य जाति के थे। भारत की जनता से उनका निकट का संबंध था। इसलिए भारतीय उनसे जल्दी ही घुल-मिल गए और इस प्रकार अफगानिस्तान भारत का हिस्सा बन गया।

प्रश्न 9. चौदहवीं शताब्दी में किस बर्बर शासक ने भारत पर आक्रमण किया और इसका क्या परिणाम निकला? ..

उत्तर- चौदहवीं शताब्दी में बर्बर शासक तैमूर ने भारत पर उत्तर की ओर से आक्रमण किया। उसने इतनी निर्दयता से आक्रमण किया था कि दिल्ली पूरी तरह से ध्वंस हो गई। दिल्ली मुर्दो का शहर बनकर रह गई थी। इसके पश्चात् दिल्ली भारतीय साम्राज्य की राजधानी न रही। इसका परिणाम यह निकला कि उत्तर भारत की शक्ति क्षीण होती गई तथा दक्षिण के राज्य शक्तिशाली हो गए। बहमनी और विजयनगर जैसे शक्तिशाली राज्यों का उदय इसी काल में हुआ।

प्रश्न 10. भारत में मुगल साम्राज्य की नींव कैसे, कब और किसने रखी?

उत्तर- दक्षिण में विजयनगर अपनी पूर्ण शक्ति में था। तब उत्तर की पहाड़ियों से होकर एक हमलावर दिल्ली के पास पानीपत के मैदान में आया। उसने दिल्ली के सिंहासन को जीत लिया। मध्य एशिया के तैमूर वंश का यह तुर्क-मंगोल बाबर ही था। 1526 ई० में उसने भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी। किंतु चार वर्ष पश्चात् ही इसकी मृत्यु हो गई। आगे चलकर इसके उत्तराधिकारियों ने भारत में विशाल मुगल साम्राज्य का विकास किया।

प्रश्न 11. इस्लाम धर्म के भारत में प्रवेश करने के बाद कैसी स्थिति उत्पन्न हुई थी? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- छह सौ वर्षों के पश्चात् जब इस्लाम धर्म भारत में राजनीतिक विजय के साथ आया, तो वह बहुत कुछ बदल चुका था। अब इसके नेता दूसरे लोग बन चुके थे। अरब के लोग भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग तक ही पहुँच पाए थे। वे आगे नहीं बढ़ सके थे। अरब सभ्यता का क्रमशः पतन हो गया था। मध्य एवं पश्चिमी एशिया में तुर्क जातियाँ ही आगे आईं। भारत के सीमावर्ती प्रदेश से यही तुर्क और अफ़गान इस्लाम को राजनीतिक शक्ति के रूप में भारत लाए, जो निरंतर आगे बढ़ता रहा।

प्रश्न 12. अफगानों एवं मुगलों के विषय में भारतीय साहित्यकारों के विचार प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर- साहित्यकारों ने अफ़गानों को सीमावर्ती समुदाय बताया है। ये भारत के लिए पूर्ण रूप से अजनबी नहीं थे। उनके राजनीतिक शासनकाल को हिंद-अफ़गान युग कहा जा सकता है। दूसरी तरफ मुगल भारत के लिए बाहर के और अजनबी थे। किंतु वे भारतीय जीवन-शैली में बड़ी तीव्रता से ढल गए। उनका शासनकाल हिंद-मुगलकाल कहलाया।

प्रश्न 13. अफगान शासकों और उनके साथ आए हुए लोगों का भारतीयकरण कैसे हुआ?

उत्तर- अफ़गान शासकों और उनके साथ आए हुए लोग. सभी भारतीय जीवन-शैली से प्रभावित हुए और धीरे-धीरे उसी में समां गए। वे भारत को अपना घर समझने लगे तथा शेष दुनिया को विदेश समझने लगे। वे इसी भाव से भारत में रहने लगे थे। यहाँ के कई राजपूत राजाओं ने भी उन्हें यहाँ का शासक स्वीकार कर लिया था।

प्रश्न 14. लेखक ने अफगानों में सबसे शक्तिशाली एवं योग्य शासक किसे और क्यों माना? उसके द्वारा किए गए कार्यों का सार रूप में उल्लेख कीजिए।

उत्तर- लेखक ने अफ़गानों में सबसे शक्तिशाली एवं योग्य शासक शेरशाह सूरी को माना है। वह योग्य एवं कुशल सेनानायक था। उसको दृढ़-व्यवस्था का पूर्ण ज्ञान था। उसे भूमि-प्रबंधन की भी पूरी जानकारी थी। उसने निम्नलिखित प्रमुख कार्य किए

(1) उसने मालगुजारी व्यवस्था की नींव डाली। इससे राज्य की आय बढ़ी। आगे चलकर अकबर ने इसे सुव्यवस्थित किया।
(2)
अकबर के सुप्रसिद्ध राजस्व मंत्री टोडरमल की नियुक्ति आरंभ में शेरशाह सूरी ने ही की थी।
(3)
सैनिक शक्ति एवं राज्य-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए शेरशाह सूरी ने सड़कों की व्यवस्था की। भारत की सुप्रसिद्ध जी०टी० रोड़ का निर्माण भी शेरशाह सूरी ने ही किया था।

प्रश्न 15. किन तथ्यों से पता चलता है कि हिंदू-मुस्लिम एक होकर रहे?

उत्तर- आरंभ में भले ही मुसलमान भारतीयों के लिए अज़नबी रहे हों, किंतु वे भारत में आकर यहाँ के हो गए। वे भारत को अपना घर समझने लगे। उन्होंने यहाँ की जीवन-शैली को पूर्ण रूप से अपना लिया। उन्होंने यहाँ के लोगों के साथ वैवाहिक संबंध भी जोड़ लिए। सुल्तान फिरोजशाह और गयासुद्दीन तुगलक की माँ हिंदू थी।

प्रश्न 16. भारत का दक्षिण भाग हिंदू रूढ़िवादिता का गढ़ क्यों बना?

उत्तर- भारत पर जितने भी आक्रमण हुए, वे उत्तर की ओर से हुए। इसलिए उत्तर भारत सदा ही विचलित रहा। यहाँ नई-नई विचारधाराओं के लोग आते रहे। किंतु इन विचारधाराओं का प्रभाव केवल उत्तरी भारत तक ही सीमित रहा। दक्षिण भारत इन विचारधाराओं से अछूता रहा। जो लोग पुरानी आर्य संस्कृति को मानने वाले थे, वे दक्षिण भारत में जाकर बस गए। इसी कारण दक्षिण भारत हिंदू रूढ़िवादिता का केंद्र बना।

प्रश्न 17. पंद्रहवीं शताब्दी के समाज-सुधारकों का सार रूप में उल्लेख कीजिए।

उत्तर- पंद्रहवीं शताब्दी में दक्षिण में रामानंद एवं उनके शिष्य कबीर हुए, जिन्होंने अपने पदों एवं साखियों के द्वारा लोगों को धार्मिक बंधनों एवं रूढ़िवादिता से दूर करने का प्रयत्न किया। उनके काव्य की भाषा आम बोलचाल की भाषा थी जिसे आम आदमी भी आसानी से समझ सके। उत्तर में गुरु नानक ने अपने विचारों से लोगों को सही मार्ग पर लाने का प्रयास किया। आज भी कबीर एवं नानक के उपदेश मनुष्य के जीवन में सार्थक सिद्ध होते हैं।

प्रश्न 18. अमीर खुसरो कौन था? उसकी प्रसिद्धि का क्या कारण था?

उत्तर- अमीर खुसरो फारसी, संस्कृत एवं हिंदी के विद्वान थे। वे मूलतः तुर्क थे। उनका परिवार दो-तीन पीढ़ियों से संयुक्त राज्य में बसा हुआ था। वे चौदहवीं शताब्दी के कई राजाओं के साथ रहे। वे फ़ारसी भाषा के उच्च कोटि के कवि थे। उन्हें संस्कृत का भी ज्ञान था। उन्हें भाषा के साथ-साथ संगीत का भी अच्छा ज्ञान था। उन्होंने भारतीय संगीत की कई नई उभावनाओं को भी आरंभ किया। उन्होंने सितार वाद्य-यंत्र का आविष्कार भी किया था।

प्रश्न 19. अमीर खुसरो का भारतीय साहित्य को क्या योगदान रहा है?

उत्तर- अमीर खुसरो न केवल फ़ारसी के, अपितु संस्कृत एवं लोकभाषा हिंदी के भी विद्वान थे। भारत में उनकी प्रसिद्धि का कारण उनके द्वारा रचित लोकगीत थे। उन्होंने आम बोलचाल की भाषा हिंदी में गीत लिखे थे। उन्हें केवल लोक जीवन या ग्रामीण जीवन की भाषा का ही ज्ञान नहीं था, अपितु उन्होंने रहन-सहन, रीति-रिवाज़ों का भी अपने गीतों के माध्यम से वर्णन किया। उन्होंने विभिन्न ऋतुओं और त्योहारों पर भी गीत लिखे हैं। उनके गीत आज भी उत्तर एवं मध्य भारत में गाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने लोकभाषा में पहेलियाँ लिखी हैं। उन्होंने हिंदी में गजलें एवं मुकरियाँ भी लिखी हैं।

प्रश्न 20. ‘बाबर मुगल शासन का संस्थापक था, सिद्ध कीजिए।

उत्तर- बाबर ने 1526 ई० में भारत पर विजय प्राप्त करके मुगल शासन की नींव रखी थी। वह नई जागृति का शहज़ादा था। उसने केवल चार वर्षों तक ही भारत में शासन किया। उसका यह चार वर्षों का समय केवल युद्ध करने एवं आगरा को राजधानी बनाने में ही बीता। वह जहाँ एक वीर सैनिक था, वहीं कला और साहित्य का पारखी भी था। वह अच्छे रहन-सहन का शौकीन था।

प्रश्न 21. अकबर का संक्षिप्त जीवन-परिचय दीजिए।

उत्तर- अकबर भारत में मुगलवंश का तीसरा शासक था। अकबर अपने दादा से भी अधिक शक्तिशाली और गणवान था। वह अत्यंत साहसी और पराक्रमी था। वह एक योग्य सेनानायक था। इन सबके साथ-साथ वह विनम्र और दयालु था। आदर्शवादिता और स्वप्नदर्शिता उसमें कूट-कूटकर भरी हुई थी। वह जनता के दिलों में अपने लिए विशेष स्थान बनाना चाहता था। वह अपने नेत्रों में अखंड भारत का सपना देखता था। यह कहना गलत न होगा कि मुगल साम्राज्य की नींव उसी ने पक्की की थी।

प्रश्न 22. अकबर के उत्तराधिकारियों को तुर्क-मंगोल कहने की अपेक्षा भारतीय कहना कहाँ तक उचित है?

उत्तर- अकबर उदार एवं विनम्र प्रवृत्ति वाला व्यक्ति था। उसके दिल में जनता के प्रति अनोखा प्रेम था। वह दूसरे धर्मों का आदर करता था। अपनी इसी उदार नीति एवं धर्मनिरपेक्षता से उसने भारतीयों का दिल जीत लिया था। उसने भारत के राजपूत राजाओं से वैवाहिक एवं राजनीतिक संबंध स्थापित किए थे। उसने राजपूत राजकुमारी से विवाह किया था। उसका बेटा जहाँगीर, जो अकबर का उत्तराधिकारी था, राजपूत माँ का बेटा था। उसमें भारतीयों के गुण थे। इसी प्रकार जहाँगीर का बेटा शाहजहाँ की माँ भी राजपूत थी। उसमें भी भारतीयता के गुण थे। भारत ही उनका घर था। इसलिए यह कहना उचित है कि अकबर के उत्तराधिकारी तुर्क-मंगोल होने की अपेक्षा भारतीय अधिक थे।

प्रश्न 23. अकबर के चारों ओर जो समुदाय एकत्रित था, उससे उसको क्या लाभ हुआ?

उत्तर- अकबर ने अपने दरबार में बहुत सूझ-बूझ वाले लोगों के समूह को एकत्रित किया हुआ था। यह समुदाय उन लोगों का था, जो अकबर के आदर्शों के प्रति समर्पित थे। इन लोगों में फैजी एवं अबुलफज़ल नाम के दो प्रसिद्ध भाई, बीरबल, राजा, मानसिंह, अब्दुल रहीम खानखाना आदि शामिल थे। अकबर ने एक नए एवं समन्वित धर्म को आरंभ किया था। उसमें कई धर्मों की अच्छी बातों को सम्मिलित किया गया था। इसलिए अकबर जितना मुसलमानों में प्रसिद्ध था, उतना ही हिंदुओं में भी प्रसिद्ध था। अकबर को एक सबसे बड़ा लाभ यह हुआ कि इससे उसके विरोधी बहुत कम रह गए थे।

प्रश्न 24. अकबर के द्वारा स्थापित शासन-व्यवस्था की क्या विशेषता थी?

उत्तर- अकबर एक उदार हृदयी व्यक्ति था। उसने एक ऐसे शासन की व्यवस्था की थी, जो न केवल मुसलमानों के लिए होकर पूरे भारत एवं सभी धर्मों के लोगों के लिए था। उसे अकबर की शासन-व्यवस्था नहीं, अपितु भारतीय शासन-व्यवस्था कहा जा सकता है।

प्रश्न 25. अकबर ने कौन-सा नया धर्म स्थापित किया था?

उत्तर- अकबर एक दूरदर्शी शासक था। वह चाहता था कि धर्म के नाम पर भी किसी प्रकार की कोई हिंसा न हो। वह भारत में धार्मिक एकता स्थापित करना चाहता था। इसलिए उसने सभी धर्मों के अच्छे गुण लेकर ‘दीन-ए-इलाही’ धर्म की स्थापना की।

प्रश्न 26. पुर्तगाली जेसुइट ने अकबर के विषय में क्या कहा था?

उत्तर- पुर्तगाली जेसुइट अकबर के दरबार से बहुत प्रभावित था। उसने अकबर के विषय में लिखा है कि अकबर की दिलचस्पी बहुत-सी बातों में थी और वह सबके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहता था। उसे सैनिक एवं राजनीतिक विषयों का पूरा ज्ञान था, साथ ही यांत्रिक कलाओं का भी। न जाने उसकी जिज्ञासा केवल एक बिंदु पर क्यों रुक गई? वह केवल इस्लाम के साथ राष्ट्रीय धर्म और लोगों के रीति-रिवाज़ों का मेल करवाकर राष्ट्रीय एकता कायम करना चाहता था। वह अपनी इसी इच्छा में ही व्यस्त रहा। इसलिए उसकी जिज्ञासा के अन्य पक्ष धुंधले पड़ गए थे।

प्रश्न 27. एशिया और यूरोप में मुगल बादशाहों के यश फैलने के क्या कारण थे?

उत्तर- एशिया में मुगल बादशाहों का यश इसलिए फैला था कि उनकी वास्तु-कला का कोई मुकाबला नहीं कर सकता था। मगलों के शासनकाल में अत्यधिक संदर भवनों का निर्माण हआ। ये भवन दक्षिण के मंदिरों से भि विश्वभर में अपने ही प्रकार की इमारत है। ताजमहल आज भी विश्व के लोगों के आकर्षण का केंद्र है।

प्रश्न 28. हिंदू तथा मुसलमानों के पारस्परिक मेल-जोल से भारत की सामाजिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ा था?

उत्तर- आरंभ में भले ही मुसलमान भारत में अजनबी रहे हों, किंतु उन्होंने शीघ्र ही अपने आप को भारत के वातावरण में ढाल लिया था। इसका सबसे बड़ा प्रभाव यह पड़ा कि हिंदू और मुसलमानों में पारस्परिक मेल-जोल बढ़ा, जिससे दोनों की आदतें, रहन-सहन का ढंग एवं कलात्मक रुचियाँ एक-सी हो गईं। व्यापार एवं उद्योग भी समान हो गए। हिंदू मुसलमानों को भारत का अंग समझने लगे थे। वे एक-दूसरे के त्यौहारों, विवाह-शादियों में शरीक होने लगे थे। वे एक ही भाषा बोलते थे। उस समय देश की बोलचाल की भाषा में हिंदी-फारसी के शब्दों का अधिक प्रयोग किया जाता था। दोनों की आर्थिक समस्याएँ भी एक-समान थीं। इतना कुछ होने पर भी साधारण जनता में वैवाहिक संबंध बहुत कम ही बन सके थे।

प्रश्न 29. अब्दुल रहीम खानखाना कौन था? उसकी प्रसिद्धि का क्या कारण था?

उत्तर- अब्दुल रहीम खानखाना अकबर के दरबार के अमीरों में से एक थे और उनके संरक्षक के पुत्र थे। वे अरबी, फारसी एवं संस्कृत तीनों भाषाओं के ज्ञाता थे। उनकी हिंदी कविता का स्तर बहुत ऊँचा था। उनके हिंदी भाषा में रचित दोहे आज भी भारतीय जनता में प्रसिद्ध है। उन्होंने विभिन्न विषयों पर स्वच्छंदपूर्ण दोहे लिखे थे। रहीम की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि वे स्वतंत्र भाव से लिखते थे। मेवाड़ का राणा प्रताप, जो सदा अकबर का विरोधी रहा और उसने कभी मुगल साम्राज्य के सामने घुटने नहीं टेके थे, उसकी भी रहीम ने प्रशंसा की। .

प्रश्न 30. औरंगज़ेब अपने पूर्वजों से किस प्रकार भिन्न था?

उत्तर- औरंगज़ेब अपने पूर्वजों से कई दृष्टिकोणों से भिन्न था। उसके पूर्वजों ने खुले दिल से हिंदुओं को अपनाया था। उन्होंने हिंदू-मुसलमान प्रशासन की नींव रखी थी। किंतु औरंगज़ेब हिंदुओं के खिलाफ हो गया। उसने अपने पूर्वजों द्वारा किए गए सभी उदार कार्यों पर पानी फेर दिया था। वह धार्मिक दृष्टि से अत्यंत कट्टर था। उसने हिंदुओं पर जजिया कर लगा दिया था। उसने हिंदू मंदिरों को तुड़वा दिया था। उसका यह कार्य हिंदुओं के लिए असहनीय था। इसलिए अनेक हिंदू उसके खिलाफ खड़े हो गए। कदम-कदम पर उसे भारतीय राजाओं का विरोध सहन करना पड़ा। इस प्रकार औरंगज़ेब अपने प

प्रश्न 31. औरंगजेब की नीतियाँ कैसी थीं? उनका क्या परिणाम निकला?

उत्तर- औरंगज़ेब की नीतियाँ अत्यंत संकीर्ण और स्वार्थपूर्ण थीं। उसकी गलत नीतियों के कारण ही पंजाब के सिख और पश्चिम के मराठे उसके खिलाफ खडे हो गए। उसके शासनकाल में किसान भी बहत दखी थे। अच्छा शासक नहीं समझते थे। औरंगजेब के काल में उससे पहले के शासकों द्वारा स्थापित सामाजिक एकता टूट गई हिंदू-मुसलमानों के बीच फिर धार्मिक दीवार खड़ी हो गई।

प्रश्न 32. मराठे कौन थे? वारेन हेस्टिंग्ज़ ने उनके विषय में क्या लिखा था?

उत्तर- मराठे मध्य भारत के रहने वाले थे। वे शक्तिशाली एवं योद्धा जाति के थे। वे अपनी राजनीतिक एवं सैनिक व्यवस्था तथा आदतों में अत्यंत उदार थे। वे लोकतांत्रिक भावना वाले थे। अपने इन्हीं गुणों के कारण वे शक्तिशाली बन पाए थे। उन्होंने अपनी सेना में बिना किसी भेदभाव के सभी जातियों के लोगों को सम्मिलित किया हुआ था। 1784 ई० में वारेन हेस्टिंग्ज़ ने लिखा था- “हिंदोस्तान और दक्खिन के तमाम लोगों में से केवल मराठों के मन में राष्ट्र प्रेम की भावना है, जिसकी गहरी छाप राष्ट्र के हर व्यक्ति के मन पर है।”

प्रश्न 33. शिवाजी के जीवन पर सार रूप में प्रकाश डालिए।

उत्तर- शिवाजी मराठा सम्राट थे। इनका जन्म 1627 ई० में हुआ था। इनकी माता का नाम जीजाबाई था। शिवाजी को देशभक्त, बहादुर और पराक्रमी बनाने का श्रेय उनकी माता को जाता है। बाल्यकाल से ही इनकी माता ने इन की भावना कूट-कूट कर भरी थी। शिवाजी पहाड़ी क्षेत्र के सख्त जान लोगों के आदर्श छापामार नेता थे। इनके घुड़सवार दूर-दूर तक छापे मारते थे। इन्होंने मुगल साम्राज्य के दूर-दूर तक फैले क्षेत्रों पर चौथ कर लगाया। इन्होंने मराठों को एक शक्तिशाली सेना का रूप दिया। शिवाजी ने अपने राज्य में मुसलमानों को अत्यधिक नौकरियाँ दीं। 1680 ई० में महान मराठा नेता शिवाजी का निधन हो गया, लेकिन मराठा शक्ति तब तक बढ़ती गई, जब तक भारत पर उसका प्रभुत्व नहीं हो पाया।

प्रश्न 34. औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात भारत की सत्ता पर कौन-कौन अधिकार पाना चाहते थे?

उत्तर- औरंगज़ेब बड़ा ही निर्दयी एवं कठोर स्वभाव वाला व्यक्ति था। उसकी मृत्यु 1707 ई० में हुई थी। उसके पश्चात् सौ वर्षों तक भारत पर अधिकार करने के लिए विभिन्न जातियों में युद्ध होते रहे। भारत पर अधिकार पाने वालों में प्रमुख चार दावेदार थे भारतीयों में मराठे, हैदरअली, उसका बेटा टीपू सुल्तान और विदेशियों में फ्रांसीसी और अंग्रेज़। इन सबमें शक्तिशाली मराठे थे। अनुमान लगाया जाता था कि मराठे ही पूरे भारत पर अपना अधिकार करेंगे।

प्रश्न 35. नादिरशाह कौन था? उसने दिल्ली पर आक्रमण क्यों किया?

उत्तर- नादिरशाह ईरान का शासक था। उसने दिल्ली पर आक्रमण दिल्ली को लूटने के लिए किया था। उसने दिल्ली का बेशुमार धन लूटा जिसमें प्रसिद्ध ‘तख्ने ताऊस’ भी था। उसकी लूटमार से दिल्ली के शासक अत्यधिक कमज़ोर हो गए।

प्रश्न 36. नादिरशाह के हमले के क्या परिणाम निकले थे?

उत्तर- नादिरशाह के हमले के निम्नलिखित परिणाम निकले थे

(क) मराठों की शक्ति बढ़ना-नादिरशाह के हमलों से दिल्ली के शासक अत्यंत कमज़ोर पड़ गए थे। मराठों ने दिल्ली और पंजाब पर भी अपना प्रभुत्व जमा लिया था।
(
ख) मुगल साम्राज्य का अंत-नादिरशाह के हमलों और लूटमार से मुगलों की रही-सही शक्ति भी नष्ट हो गई थी। उनमें विरोधियों का मुकाबला करने का साहस नहीं रह गया था।
(
ग) अफगानिस्तान का भारत से अलग होना-अफ़गानिस्तान लंबे समय से भारत का हिस्सा बना हुआ था, किंतु नादिरशाह के आक्रमणों से वह उसके राज्य का हिस्सा बन गया था।

प्रश्न 37. अंग्रेज़ों ने भारतीय सत्ता को कैसे प्राप्त किया?

उत्तर- सर्वप्रथम क्लाइव ने 1757 ई० में बंगाल का प्लासी का युद्ध जीत लिया। इससे बंगाल और बिहार पर अंग्रेज़ों का अधिकार हो गया। दक्षिण में अंग्रेज़ों ने फ्रांसीसियों को हरा दिया था। 1799 ई० में मैसूर के टीपू सुल्तान को अंग्रेज़ों ने पराजित किया और मैसूर पर भी अपना अधिकार कर लिया। दूसरी ओर उन्होंने मराठों की आपसी फूट का लाभ उठाकर, उन्हें एक-एक करके हरा दिया। 1804 ई० में मराठों ने अंग्रेज़ों के सामने हार मान ली थी।

प्रश्न 38. महाराजा रणजीत सिंह के जीवन पर सार रूप में प्रकाश डालिए।

उत्तर- महाराजा रणजीत सिंह पंजाब का शासक था। उनका नाम इतिहास में सदा आदर से लिया जाएगा। जिस समय पंजाब की जनता भयभीत एवं त्रस्त थी, उसी समय उन्होंने मानवीय विचारों को आधार बनाकर पंजाब में अपना साम्राज्य कायम किया था। बाद में उनके साम्राज्य का विस्तार कश्मीर और सरहदी सूबों तक फैल गया था। महाराजा रणजीत सिंह को खून-खराबा अर्थात् हिंसा बिल्कुल पसंद नहीं थी। यहाँ तक कि उन्होंने अपने शासनकाल में कभी किसी को मौत की सज़ा नहीं दी थी। वे केवल युद्ध में ही शत्रु से लड़ते थे। उनका शासन शांतिपूर्ण रहा था। उनके शासन का मुख्य आधार मानवीय विचार एवं मानवीय मूल्य थे।

प्रश्न 39. जय सिंह कौन था? उनके जीवन की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- जय सिंह जयपुर का शासक था। जय सिंह अत्यधिक चतुर एवं अवसरवादी था। अंग्रेज़ों की इतनी उथल-पुथल में भी उसका राज्य सुरक्षित रहा। राजनेता होने के साथ-साथ वह गणितज्ञ, खगोल विज्ञानी और नगर निर्माण कला में निपुण था। वह इतिहास के अध्ययन में भी रुचि लेता था। उसने जयपुर नगर को विदेशी नक्शों के आधार पर बसाया था। उसने जयपुर, दिल्ली, उज्जैन, बनारस एवं मथुरा में बड़ी-बड़ी वेधशालाओं का निर्माण करवाया था। जय सिंह का युग युद्धों का युग था, किंतु फिर भी उसने अपने राज्य में अनेक ऐसे कार्य किए जो वर्तमान में भी सराहनीय हैं।

प्रश्न 40. ईस्ट इंडिया कंपनी का संक्षिप्त विवरण दीजिए।

उत्तर- ईस्ट इंडिया कंपनी व्यापारिक लोगों की कंपनी थी। इसका संबंध इंग्लैंड से था। मराठों को युद्ध में हराने के बाद इस कंपनी ने भारत में दूर-दूर तक अपने राज्यों का विस्तार कर लिया। अब ईस्ट इंडिया कंपनी भारत की सबसे शक्तिशाली कंपनी बन गई थी। व्यापारियों की कंपनी होने के कारण वह धन कमाने पर तुली हुई थी। जब कंपनी चारों ओर से धन कमाने में लगी हुई थी तब उसकी इस प्रवृत्ति को देखकर एक विदेशी विद्वान एडम स्मिथ ने सन् 1776 में अपनी पुस्तक ‘द वैल्थ ऑफ़ नेशंस’ में लिखा-“एकमात्र व्यापारियों की कंपनी की सरकार किसी भी देश के लिए सबसे बुरी सरकार है।”

प्रश्न 41. रायल सोसाइटी के गठन के पश्चात इंग्लैंड में हए वैज्ञानिक आविष्कारों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर-1660 ई० में इंग्लैंड में रायल सोसाइटी की स्थापना की गई थी। इसने विज्ञान की प्रगति में अपनी पर्ण रुचि दि थी। इसने विज्ञान की प्रगति में अपनी पूर्ण रुचि दिखाई। सौ साल बाद कपडे बनने की मशीन ढरकी का आविष्कार हुआ। इसके बाद एक-एक करके कातने की कला. इंजन और मशीन का निर्माण हुआ। ऐसे आविष्कारों से इंग्लैंड में औद्योगिक क्रांति-सी आ गई। अब वस्तुएँ शीघ्रता से और पहले से अधिक संख्या में तैयार होने लगी थीं। मशीनों द्वारा वस्तुओं का निर्माण होने के कारण उनमें पहले की अपेक्षा सफाई भी बहुत अधिक थी।

प्रश्न 42. अट्ठारहवीं शताब्दी के आरंभ में इंग्लैंड किन दो रूपों में विभाजित था?

उत्तर- इस समय इंग्लैंड मुख्यतयाः दो रूपों में विभाजित था। एक ओर तो शेक्सपीयर, मिल्टन, शालीन बातों वाला, लेखन और बहादुरी के करनामों वाला, राजनीतिक क्रांति, स्वाधीनता हेतु संघर्ष करने वाला, विज्ञान और तकनीकी में उन्नति करने वाला इंग्लैंड था एवं दूसरी ओर बर्बर दंड संहिता, नृशंस व्यवहार वाला, सामंतवाद और प्रतिक्रियावाद वाला इंग्लैंड था। ये दोनों साथ-साथ ही रहे। इन्हें एक-दूसरे से अलग करना संभव नहीं था।

1. मुगल साम्राज्य से पहले उत्तर भारत में किस हिंदू राजा का विशाल साम्राज्य था?

(A) हर्षवर्धन का .
(B)
जय सिंह का
(C)
महाराणा प्रताप का
(D)
शिवाजी का
उत्तर- (A) हर्षवर्धन का

2. सिंध अलग राज्य बनने से पहले किस राज्य का भाग था?

(A) अफगानिस्तान का
(B)
यूनान का
(C)
बगदाद का
(D)
अरब का
उत्तर- (C) बगदाद का

3. भारत की गणित और खगोलशास्त्र की पुस्तकें किस देश में पहुँचने लगी थीं?

(A) अफगानिस्तान में
(B)
बगदाद में
(C)
चीन में
(D)
श्रीलंका में
उत्तर- (B) बगदाद में

4. राष्ट्रकूट भारत के किस भाग पर रहते थे?

(A) पश्चिमी तट पर
(B)
दक्षिण में
(C)
उत्तर पश्चिम भारत में
(D)
पूर्वी भारत में
उत्तर- (A) पश्चिमी तट पर

5. इस्लाम को उत्तर भारत से मध्य भारत तक पहुँचने में लगभग कितने वर्ष लग गए थे?

(A) 200 वर्ष
(B) 300
वर्ष
(C) 400
वर्ष
(D) 600
वर्ष
उत्तर- (D) 600 वर्ष

6. महमूद गज़नवी किस देश का रहने वाला था?

(A) पाकिस्तान का
(B)
कज़ाकिस्तान का
(C)
अफ़गानिस्तान का
(D)
यूनान का
उत्तर- (C) अफ़गानिस्तान का

7. महमूद गज़नवी किस जाति का था?

(A) तुर्क
(B)
मंगोल
(C)
आर्य
(D)
कुश
उत्तर- (A) तुर्क

8. महमूद गज़नवी ने भारत के किस हिंदू मंदिर को लूटा था?

(A) सूर्य मंदिर
(B)
सोमनाथ का मंदिर
(C)
सारनाथ का मंदिर
(D)
शिव मंदिर
उत्तर- (B) सोमनाथ का मंदिर

9. काठियावाड़ से लौटते हुए महमूद गज़नवी को किस राज्य में हार खानी पड़ी थी?

(A) पंजाब में
(B)
सिंध में
(C)
गुजरात में .
(D)
राजस्थान में
उत्तर- (D) राजस्थान में

10. महमूद गज़नवी की मृत्यु कब हुई थी?

(A) 1015 ई० में
(B) 1025
ई० में
(C) 1030
ई० में ..
(D) 1035
ई० में
उत्तर- (C) 1030 ई० में

11. महमूद गज़नवी के बाद दिल्ली पर किसने कब्जा किया था?

(A) पृथ्वीराज चौहान ने
(B)
हर्षवर्धन ने
(C)
शाहबुद्दीन गौरी ने
(D)
बाबर ने
उत्तर- (C) शाहबुद्दीन गौरी ने

12. शाहबुद्दीन गौरी ने दिल्ली पर कब्जा किस वर्ष किया था?

(A) 1192 ई० में
(B) 1196
ई० में
(C) 1198
ई० में
(D) 1200
ई० में
उत्तर- (A) 1192 ई० में

13. चौदहवीं शताब्दी में किस तुर्क शासक ने दिल्ली पर आक्रमण करके उसे तहस-नहस कर दिया था?

(A) अकबर ने
(B)
तैमूर ने
(C)
बाबर ने
(D)
शाहबुद्दीन गौरी ने
उत्तर- (B) तैमूर ने

14. चौदहवीं शताब्दी के आरंभ में दक्षिण भारत में स्थापित हिंदू राज्य का क्या नाम था?

(A) गुलमर्ग
(B)
बहमनी
(C)
विजयनगर
(D)
मेवाड़
उत्तर- (C) विजयनगर

15. बाबर ने दिल्ली पर कब आक्रमण किया था?

(A) 1526 ई० में
(B) 1530
ई० में
(C) 1535
ई० में
(D) 1545
ई० में
उत्तर- (A) 1526 ई० में

16. बाबर ने अपनी राजधानी किस नगर को बनाया था?

(A) दिल्ली को
(B)
बनारस को
(C)
मथुरा को
(D)
आगरा को

उत्तर- (D) आगरा को

17. बाबर किस जाति से संबंधित था?

(A) हिंदू
(B)
मुगल (मंगोल)
(C)
हूण
(D)
शक
उत्तर- (B) मुगल (मंगोल)

18. भारत में मुगल साम्राज्य की नींव किसने रखी थी?

(A) अकबर ने
(B)
हुमायू ने
(C)
बाबर ने
(D)
शाहजहाँ ने
उत्तर- (C) बाबर ने

19.सुल्तान फिरोजशाह कहाँ का शासक था?

(A) अफ़गानिस्तान का
(B)
अरब का
(C)
बंगाल का
(D)
दिल्ली का
उत्तर- (D) दिल्ली का

20. मालगुजारी व्यवस्था की नींव किसने डाली थी?

(A) बाबर ने
(B)
शेरशाह ने
(C)
अकबर ने
(D)
गयासुद्दीन तुगलक ने
उत्तर- (B) शेरशाह ने

21. अकबर के राजस्व मंत्री का क्या नाम था?

(A) बीरबल
(B)
राज मानसिंह
(C)
टोडरमल
(D)
अब्दुल रहीम खानखाना
उत्तर- (C) टोडरमल

22. अकबर के राजदरबार की सरकारी भाषा कौन-सी थी?

(A) फ़ारसी
(B)
अंग्रेज़ी
(C)
संस्कृत
(D)
हिंदी
उत्तर- (A) फ़ारसी

23. भारत और अफगानों के समन्वय का प्रभाव सबसे अधिक किस कला पर पड़ा?

(A) मूर्ति कला पर
(B)
संगीत कला पर
(C)
भवन निर्माण कला पर
(D)
साहित्य कला पर
उत्तर- (B) संगीत कला पर

24. मुगल काल में हिंदू-समाज में कौन-सी बुरी प्रथा का आरंभ हुआ था?

(A) रिश्वतखोरी
(B)
भ्रष्टाचार
(C)
परदा. प्रथा
(D)
सती प्रथा
उत्तर- (C) परदा प्रथा

25. हिंदू रूढ़िवादिता का गढ़ भारत का कौन-सा क्षेत्र बना था?

(A) उत्तर भारत
(B)
दक्षिण भारत
(C)
उत्तर पश्चिम
(D)
पूर्वी भारत
उत्तर- (B) दक्षिण भारत

5 – नयी समस्याएँ 5 – नयी समस्याएँ Reviewed by Menaria Jamna Shankar on जनवरी 20, 2022 Rating: 5
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